विपश्यना
सत्यनारायण गोयन्काजी द्वारा सिखायी गयी
साधना
सयाजी ऊ बा खिन की परंपरा मैं
धम्म सेवा
चाहे एक शिविर में या धम्म के प्रसार में मदद करने के लिए किसी अन्य तरीके से धम्म सेवा देना कइ विपश्यना के एक साधक को सबसे मूल्यवान अनुभव हो सकता है. यह आपने धर्म के अमृत स्वाद चखनेमे दूसरों की मदद का पुरस्कार यह जानना इतना ही नहीं, लेकिन यह अपने ध्यान के अभ्यास के विकास को बढावा देनेका एक बढ़िया स्रोत है.
दुनिया में शिविरकी मांग बढनेकी वजहसे धम्म सेवा की अधिक से अधिक आवश्यकता है. 2003 में दुनिया मे लगभग 1400 विपश्यना केंद्र मे लगबग 1,00,000 साधकोंने आयोजित शिविरो मे भाग लिया.जिन्होने इन शिविरोंका आयोजन और सेवा, स्थायी और अस्थायी केंद्रो को तयार करना और प्रबंधन और चलानेका प्रबंध किया ऐसे सेंकडो पुराने साधक की अमूल्य सहायता के बिना,इन शिविरोंका आयोजन असंभव था.
विपश्यना शिविरों मे भाग लेनेसे उनको जो कुछ प्राप्त हुआ है उसे थोडा दुसरोंको देनेकी इच्छा महसूस करनेवाले पुराने साधकों के स्वैच्छिक सहायता के बिना, शिविरों की व्यवस्था और संचालन नहीं की जा सकता है.
गोयन्काजी ने अक्सर धम्म सेवा का उद्देश्य पर बात की है और सिखाया है कि यह एक पुराने साधकों को इस मार्ग पर विकास का एक अभिन्न हिस्सा है. धम्म सेवकों के लिए आचार संहिता अनुसार धम्म सेवा देना एक विपश्यना साधक को बाहर की दुनिया में एक धम्म जीवन जीने के लिए काबील बनाता है. जो सेवा दे रहे है उन पुराने साधकों के लिए गोयन्काजी द्वारा धम्म सेवा पर प्रश्न और उत्तर उपलब्ध है.
अगर आप एक या एक से अधिक पूरे 10 दिन शिविरो मे सेवा से करना अथवा केवल कुछ घंटे सेवा देना चाहते हो तो, कृपया केंद्र पृष्ठ पर जाएँ.अधिकांश केन्द्रों के अनुसूची पृष्ठ पे एक स्तंभ है, "पुराने साधक सेवकों की जरूरत है?" (पृष्ठ के दाहिने हाथ की ओर),धम्म सेवा आवेदन फार्म का उपयोग करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.केंद्र में जहॉ पे आप सेवा देना चाहते हो वहॉ यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो कृपया धम्म सेवा कैसी दी जाय इसके लिये केंद्र के साथ सीधे संपर्क करे.
सभी पुराने साधकों को भाग लेने और धम्म सेवा देने की अद्भुत लाभ हासिल करने के लिए एक अवसर मिलता है.